न्यूयॉर्क: अपनी फिटनेस जानने के लिए इस्तेमाल कर रहे रिस्टबैंड ट्रैकर से असहज महसूस कर रहे हैं तो इसे निकाल फेंके, क्योंकि आपका स्मार्टफोन कहीं बेहतर तरीके से आपकी फिटनेस पर नजर रख सकता है। मैसाचुसेट्स प्रौद्योगिकी संस्थान (एमआईटी) के अनुसंधानकर्ताओं ने यह खुलासा किया। एमआईटी के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित बायोफोन से आप अपनी हृदयगति, श्वास प्रणाली और अन्य फीजियोलॉजिकल मेजरमेंट जान सकते हैं। इतना ही नहीं इसके लिए स्मार्टफोन को शरीर से सटाकर रखने की जरूरत भी नहीं है। शोधकर्ताओं ने बताया कि बायोफोन का एक्सिलिरोमीटर आपके शरीर से निकलने वाले बायोलॉजिकल सिग्नल का इस्तेमाल करता है और आपके शरीर की हर छोटी बड़ी गतिविधि को दर्ज करता है, जैसे दिल का धड़कना और सीने का फूलना-पिचकना।
शोध के मुख्य लेखक जेवियर हर्नाडीज के अनुसार, बायोफोन को इस तरह बनाया गया है कि यह तब भी आंकड़े लेता रहता है जब आप ज्यादा हिलते-डुलते नहीं और बायोफोन से मिले आंकड़ों का उपयोग इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के तनाव की स्थिति में होने का पता लगाने में किया जा सकता है और उससे निजात पाने में भी। उदाहरण के लिए आपका स्मार्टफोन आपको सांस लेने से संबंधित कुछ व्यायाम करने की सलाह दे सकता है, या आपके किसी करीबी व्यक्ति को आपको फोन करने के लिए संदेश भेज सकता है। बायोफोन की उपयोगिता का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने प्रतिभागियों से जेब में स्मार्टफोन रखकर खड़े रहने, बैठने और सोने के लिए कहा। इसके बाद उनके स्मार्टफोन से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर निकाली गई हृदयगति और श्वांस गति एफडीए द्वारा मान्यता प्राप्त उपकरणों के काफी करीब या उसके समान ही पाई गई। हालांकि अनुसंधानकर्ता अभी इस पहलू पर काम कर रहे हैं कि जब स्मार्टफोन आपके शरीर के अन्य हिस्सों के करीब हो तब कैसे बिल्कुल सही-सही हृदयगति और श्वांस गति दर्ज की जा सके, जैसे जब फोन आपके पैंट की पिछली जेब में हो तब। इसका स्पष्ट आशय यह है कि स्मार्टफोन आपके दिल से जितना दूर होता जाएगा उससे फिटनेस से संबंधित जानकारी हासिल करना उतना ही मुश्किल होता जाएगा।
शोध के मुख्य लेखक जेवियर हर्नाडीज के अनुसार, बायोफोन को इस तरह बनाया गया है कि यह तब भी आंकड़े लेता रहता है जब आप ज्यादा हिलते-डुलते नहीं और बायोफोन से मिले आंकड़ों का उपयोग इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के तनाव की स्थिति में होने का पता लगाने में किया जा सकता है और उससे निजात पाने में भी। उदाहरण के लिए आपका स्मार्टफोन आपको सांस लेने से संबंधित कुछ व्यायाम करने की सलाह दे सकता है, या आपके किसी करीबी व्यक्ति को आपको फोन करने के लिए संदेश भेज सकता है। बायोफोन की उपयोगिता का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने प्रतिभागियों से जेब में स्मार्टफोन रखकर खड़े रहने, बैठने और सोने के लिए कहा। इसके बाद उनके स्मार्टफोन से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर निकाली गई हृदयगति और श्वांस गति एफडीए द्वारा मान्यता प्राप्त उपकरणों के काफी करीब या उसके समान ही पाई गई। हालांकि अनुसंधानकर्ता अभी इस पहलू पर काम कर रहे हैं कि जब स्मार्टफोन आपके शरीर के अन्य हिस्सों के करीब हो तब कैसे बिल्कुल सही-सही हृदयगति और श्वांस गति दर्ज की जा सके, जैसे जब फोन आपके पैंट की पिछली जेब में हो तब। इसका स्पष्ट आशय यह है कि स्मार्टफोन आपके दिल से जितना दूर होता जाएगा उससे फिटनेस से संबंधित जानकारी हासिल करना उतना ही मुश्किल होता जाएगा।
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